Menu

Citizens for Justice and Peace

एनआरसी की कीमत क्या भारत चुका पाएगा?

04, Feb 2020 | CJP Team

पूरे देश में एनआरसी लागू करने जैसे तुगलकी काम के लिए अनुमानित 54000 करोड़ का बजेट भी कम पड़ सकता है। असम के गरीबों पर एनआरसी प्रक्रिया से हुए भयानक नतीजों को देखने के बावजूद, क्या हम इसे देशभर में दोहराने की गलती कर सकते हैं?

Related:

Why the CAA must be opposed, because it discriminates

Advocate Mihir Desai’s point by point rebuttal of the GOI’s FAQ on CAA/ NPR-NRC

NPR-NRC – FAQs

How dangerous is CAA+NRC

नागरिकता पर क्या बोले कन्नन गोपीनाथन

India’s poorest citizens will bear the brunt of NPR-NRC

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Go to Top