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Citizens for Justice and Peace

Forest Rights Resources

ASHOK CHAUDHURY INTERVIEW

युवाओं और महिलाओं से ही आगे बढ़ेगा वनाधिकार आंदोलन देखिये AIUFWP के उपाध्यक्ष अशोक चौधरी का विशेष इंटरव्यू

AIUFWP के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान, सुनिए उपाध्यक्ष अशोक चौधरी की बातें, जिसमें वह विस्तार से बताते है कि कैसे वे भूमि अधिकार आंदोलन (२०१४) के वक़्त से किसानों के साथ काम कर रहे हैं, सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ । प्रशासनिक शक्तियों का मुकाबला करने के लिए गठबंधन के महत्व पर जोर…

Forest resource rights vs. Land rights under Forest Rights Act Why it is important to understand the distinction

Chhattisgarh has become the first state to recognise forest resource rights in an urban area by bestowing these rights upon residents of Dhamtari district over 4,127 hectares of forests. Apart from that, the state government also recognised community resource rights over 5,544 hectares of forest within the core area of the tiger reserve area, reported Indian…

Aarey's adivasis are fighting against losing land that they feel is historically theirs

Tug of war between two ministries, Adivasis rights slip through the cracks MoEF seeking to control autonomy over land and rights that MoTA was given in 2006?

On June 22, 2021, the environment ministry invited consultancy organisations to express interest in preparing a draft comprehensive amendment to the draconian and colonial Indian Forest Act 1927. The government has used this draconian law of colonial origin to weaponise the forest department and control land and produce actually devolved to traditional forest dwellers under the Forest…

Forest Land Claims filed in Chitrakoot: AIUFWP and CJP make history! Claims filed for eight villages, 10 more in the pipeline

Rights of Adivasis and forest-dwelling communities have always been a key focus area for both, Citizens for Justice and Peace (CJP) and our partner organisation All India Union of Forest Working People (AIUFWP). We have been supporting these communities, especially their women grassroots leaders, navigate the complex labyrinth of bureaucracy and stake legal claim to…

Covid-19 and Adivasi Empowerment: CJP’s unique contribution How have eight months of the Lockdown impacted India’s Forest Dwellers & Adivasis?

During the nationwide Lockdown that was announced in wake of the Covid-19 pandemic, CJP found that hunger that had gripped urban India escaped our communities living in the forest as they continued their cultivation and had some measure of control over the resources and minor forest produce. We at CJP with our partners the All…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण सामुदायिक दावे और इन्हें दायर करने के अलग अलग चरण

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह वीडियो, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA दो हज़ार छे को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। इस…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण भाग ३ सामुदायिक दावे और इन्हें दायर करने के अलग अलग चरण

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह पॉडकास्ट, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA दो हज़ार छे को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। भाग…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण भाग २ पॉडकास्ट में समझें संविधान और वन अधिकार

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह पॉडकास्ट, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA 2006 को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। भाग दो में जानी…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण भाग १ पॉडकास्ट में सुनिए FRA क़ानून बनाने की पृष्ठभूमि

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह पॉडकास्ट, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA 2006 को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। भाग एक में सुनिए…

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