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Citizens for Justice and Peace

contract worker

Stop the voice of people

विशेष! आवाज़ दबाने का षडयंत्र: भीमा कोरेगांव केस के प्रथम शिकार, दलित प्रवासी कामगार 10 महीने के बाद भी पुरुष जेल में क़ैद हैं और उनकी पत्नियाँ न्याय के लिए दर दर भटक रही हैं.

12 जनवरी, 2018 को, पुणे में भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद कार्यक्रम के दो हफ्ते बाद, महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद विरोधी दल (एटीएस) ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के चार श्रमिकों, एक ठेकेदार और एक अनियत श्रमिक को उठा लिया. गिरफ्तारी से पहले घंटों तक देर रात झोपड़पट्टी में उनके घरों पर छापा मारा गया था. एक दिन…

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