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Hate Watch: Dharma Sansad spews venom against Islam Doomsday rhetoric about Islam rife at religious conclave in Haryana

30, Jul 2018 | Preksha Malu

A conclave of ‘sants’ gathered in Haryana for a ‘dharma sansad’ on July 21-22 where they wrote a letter in blood to the Prime Minister, proposing a whole host of measures ostensibly to protect Hindu culture. Multiple controversial matters regarding Hindus and Islam in India, were discussed at the meeting, including stringent family planning measures for minorities. 

The two-day meeting was organised at the Shri Krishna temple in Gurugram, Haryana, and the theme was the attack on Hindus and their culture. One of the controversial subjects raised was that of controlling family planning of religious minorities, especially Muslims. At the centre of it all was Jagadguru Shankaracharya Swami Narendranand Saraswati of Kashi Sumeru Pithadhiswar. He had earlier made controversial statements, such as urging Hindu families to have 10 children and having boys instead of girls.

A news report on him from 2016 shows how he has a habit of making controversial statements:

His rabid hateful speeches about the threat to Hinduism due to Islam, and the steps needed to be taken to ‘purify’ their motherland were apparently well-received.

CJP is working on a campaign to monitor and highlight individuals and organisations that spread hate. Help support our project by donating here.

This video from 2014 shows how little his views have changed over the years:

Four main resolutions were passed by this conclave, which included announcing Pakistan as a terrorist nation, and asking the government to take the same stance, with the group’s point being made by writing a letter in blood. “Remove all hostilities in between 36 Hindu communities and all saints should come together for this and launch the mission from Haridwar. All saints in ashrams and temples should have a school and combat arena where right mental and physical education should be given about the culture so that Hindus can be strong. To end love jihad and rape jihad by Muslim jihadis, the Hindu society should develop their own strength and not place any trust in the government,” the spiritual leaders summarised.

The conclave of Hindu spiritual leaders wrote a letter in blood

The National Convenor of the All India Sant Parishad, Narasimhanand Saraswati ji Maharaj, said that no ruling government cares about the plight of Hindus and the atrocities they have had to suffer. He spewed more venom and said that the government showed them dreams of India being a world leader, but India itself will be ruled by Islamic leaders after the destruction of the entire Hindu race. He also made more polarising statements, and said that all the terrorism in the world has originated from some of the biggest Madrasas in India, and that the government is unable to do anything about it. He said he feared that a Muslim India would be the centre of all Islamic Jihadi terrorism in the world. To create more fear and hatred for Islam, he prophesized that this would be the end of the world and humanity.

The religious conclave’s main spokesperson, Jagadguru Shankaracharya Swami Narendranand Saraswati Ji Maharaj, said that the population ratio in India today is a huge challenge for humanity, and that if the Muslim population is not controlled, it will overtake the majority population in a civil war and gain power by accessing India’s nuclear strength. He then said that they will proceed to destroy the whole world and humanity, and if the Indian government doesn’t take extreme population control methods like China before the 2019 elections, the population explosion of Islamic Jihadist will rule the country.

Addressing the conclave, Mahamandaleshwar Swami Yatindranand Giri Ji Maharaj of Roorkee, said that the condition of Lord Ram in his own land should be proof enough of the condition of Hindus in the country. He said that all the places of Hindu worship do not exist anymore and that there is no Ram Janmabhoomi today, no Krishna Janmabhoomi and no Kashi Vishwanath. “What did Hindus get from the freedom struggle and the sacrifices of our ancestors?” he asked.

At the conclave, the President of the All India Sant Samaj (NCR), Mahamandaleshwar Swami Anishmanand Giri Ji Maharaj, Mahamandaleshwar Swami Devendranand Giri Maharaj, Mahamandaleshwar Swami Navalkishor Das ji Maharaj, Mahamandaleshwar Swami Nilimand ji Maharaj, Mahamandaleshwar Swami Ramanaresh Das Maharaj, Mahamandleeshwar Swami Baleshwar Das Jee Maharaj, Mahamandaleshwar Swami Kanchan Giri Ji Maharaj, Swami Bhola Giri Ji Maharaj, Swami Sri Sri Bhagwanji Maharaj, Shri Mahant Swami Rama Parme Ji Maharaj, Mahant Satishdas Ji Maharaj and other speakers presented their thoughts.

Here are some clips from the ‘dharma sansad’:

The above details were originally published in Hindi, and can be read below:

आज हिन्दू की भयावह स्थिति पर गम्भीर चिंतन करने के लिये जगदम्बा महाकाली डासना वाली के परिवार के आह्वान पर गुरुग्राम के सेक्टर 10 A स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में दो दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ हुआ। धर्म संसद में देश के कोने कोने से आये संत महात्मा और हिन्दू कार्यकर्ताओ ने भाग लिया।

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धर्म संसद में पहले दिन पारित हुए प्रस्ताव:-

1.पाकिस्तान को शत्रु व आतंकवादी देश घोषित करने के लिये सभी संतो के रक्त से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाये।

2.जातीय वैमनस्यता को खत्म करने के लिये देश के सभी प्रमुख नगरों में हिन्दुओ की सभी 36 बिरादरियों की पंचायत और सहभोज आयोजित करे संत समाज जिसकी शुरुआत हिन्दुओ की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार से की जाए।

3.सभी सन्त अपने आश्रमो और मंदिरों में गुरुकुल और अखाड़े शुरू करें जिससे हिन्दू मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बने और उन्हें सही संस्कार मिले।

4.मुस्लिम जिहादियों द्वारा किये जा रहे लव जिहाद और रेप जिहाद को समाप्त करने के लिये सरकार के भरोसे न रहकर अपनी शक्ति खड़ी करे हिन्दू समाज।

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धर्म संसद के उद्देश्य को सबके सामने रखते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने पूरे देश में हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचारों को सबके सामने रखते हुए बताया की हिन्दुओ के कायर नेताओ के कारण हिन्दू अपने आजादी को सौ साल भी सुरक्षित नही रख सके।लगभग हजार साल के संघर्ष और अगणित बलिदानों के बाद हमारे पूर्वजों ने हमे आजादी दिलवाई जो हमारे राजनैतिक सिस्टम की विफलता के कारण अब खोने के कगार पर है।झूठे नेताओ के प्रपंच का शिकार होकर हमारे धर्म गुरुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हमे विश्वगुरु बनाने के झूठे सपने दिखाये जबकि सत्य तो ये है की संपूर्ण हिन्दुओ के विनाश के बाद बनने वाला इस्लामिक भारत ही पूरी दुनिया का गुरु होगा और इसके लक्षण अब पूरी तरह से स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं।आज पुरे विश्व में आतंकवाद फैलाने वाले सबसे बड़े इस्लामिक मदरसे भारत में हैं और भारत के राजनैतिक तंत्र में इतनी हिम्मत नही है की उनकी ओर देख भी सके।हिन्दू नेताओ की कायरता से सम्पूर्ण भारतवर्ष अब इस्लामिक गुलामी में जाने के लिये तैयार है।आज यह खतरा केवल भारतवर्ष के लिये नहीँ है बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिये है।हिन्दू बाहुल्य भारत तो विश्वगुरु नही बन सका परन्तु मुस्लिम भारत वास्तव में इस्लामिक जिहादी आतंकवाद का विश्वगुरु बनेगा और भारत की उर्वरा भूमि और अतुल्य सम्पदा के बूते पर सम्पूर्ण विश्व और मानवता के लिये सबसे बड़ा खतरा बनेगा।

धर्म संसद के मुख्य वक्ता जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा की वास्तव में हिन्दू समाज के भारतवर्ष में घटते हुए जनसँख्या अनुपात ने सम्पूर्ण मानवता के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। यदि भारतवर्ष में मुस्लिम जनसँख्या का विस्फोट थमा नही तो वो दिन दूर नही जब भारतवर्ष गृहयुद्ध में गर्क होकर अपनी परमाणु शक्ति के बल पर सम्पूर्ण विश्व को विनाश के कगार पर ले जायेगा। भारत सरकार को इसे लेकर अविलम्ब ठोस कदम उठाने चाहिये और चीन जैसा एक कठोर जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना चाहिये।

उन्होंने यह भी कहा की भारतवर्ष के हिन्दुओ ने वर्तमान सरकार को कठोर कानून बनाने के लिये पर्याप्त राजनैतिक शक्ति दे दी है परंतु सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल अभी दिखाई नही दे रही है।यदि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चीन जैसा कठोर जनसँख्या नियंत्रण कानून नही बना तो फिर ये कभी नही बन पाएगा और बढ़ती हुई इस्लामिक जिहादियो की संख्या हर चीज को लील लेगी।

धर्म संसद को संबोधित करते हुए रुड़की से आये जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी जी महाराज ने कहा की सम्पूर्ण हिन्दू समाज की आस्था के प्रतीक भगवान राम का अपनी जन्मस्थली में फटे तिरपाल में रहना हिन्दुओ की दुर्दशा को प्रदर्शित करने में सक्षम है।हिन्दुओ के सभी आस्था के केंद्रों पर विधर्मियो का कब्जा है।हिन्दुओ के पास न तो रामजन्म भूमि है,न ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि और न ही काशी विश्वनाथ।आज हिन्दुओ को गम्भीरता से सोचना चाहिये की उन्हें आजादी से आखिर मिला क्या?

आज धर्म संसद में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी अनुभूतानंद गिरी जी महाराज,महामण्डलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरी जी महाराज,महामण्डलेश्वर स्वामी नवलकिशोरदास जी महाराज,महामण्डलेश्वर स्वामी निलिमानंद जी महाराज,महामण्डलेश्वर स्वामी रामनरेशदास जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी बालेश्वर दास जी महाराज,महामण्डलेश्वर स्वामी कंचन गिरी जी महाराज,स्वामी भोला गिरी जी महाराज,स्वामी श्री श्री भगवान जी महाराज,श्री महंत स्वामी रामा पूरी जी महाराज,महंत सतीशदास जी महाराज तथा अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे।

 

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