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Citizens for Justice and Peace

Adivasi

पराली ख़रीद कर वायु प्रदूषण से लड़ रहें है वन गुज्जर उत्तराखण्ड राज्य में पराली जलाई नहीं जाती, बल्कि उचित मूल्य में खरीद लेते हैं वन गुज्जर समुदाय

यह रिपोर्ट CJP के ग्रासरूट फ़ेलोशिप प्रोग्राम का हिस्सा है, और वन गुज्जर समुदाय के युवा नेता अमीर हमज़ा ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। वन गुज्जर एक घुमन्तु समुदाय है, जो पशुपालन कर के अपना जीवन व्यापन करता है। इस लेख में अमीर हमज़ा ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि, किस…

Van Gujjars emerge as Air Pollution Warriors Buy stubble from Uttarakhand farmers so it doesn’t need to be burnt

The work of conservation and preservation of forests has been going on for centuries. For the last few years, the Van Gujjar community has played a symbiotic role in increasing the income of the farmers and preventing air pollution. Earlier, farmers polluted the air by burning stubble, while livestock rearing communities had to gather stubble…

सूरमा ने दिखाई राह 15 थारू गांवों के सामुदायिक अधिकारों के मिलने का रास्ता हुआ साफ

‘सतत संघर्ष के बल पर मुश्किल से मुश्किल और बड़ी से बड़ी लड़ाई को आसानी से जीता जा सकता है’। लखीमपुर खीरी पलिया कलां के दुधवा टाईगर रिजर्व से लगे गांवों के थारू आदिवासियों ने यह कहावत एक बार फिर सोलह आनै सच साबित कर दिखाई हैं। जी हां, करीब 9 साल पहले 2011 में…

कैमूर फायरिंग: फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट जारी हुई आदिवासियों पर गोली चलाने पर न्यायिक जांच की मांग, दोषी अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाए और झूठे केस रद्द किए जाएँ

23 अक्टूबर को, सीपीआई (एम) की पोलित ब्यूरो सदस्य और आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच की उपाध्यक्ष, बृंदा करात ने, कैमूर में बिहार पुलिस द्वारा आदिवासियों पर गोलीबारी पर एक फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की। 11 सितंबर को जब स्थानीय आदिवासी अधौरा में शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे, तब गोलीबारी की गई थी। ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल (AIUFWP), सिटिज़न्स फॉर जस्टिस…

Why did Bihar police open fire on Kaimur Adivasis? Findings of report co-published by AIUFWP, CJP and DSG

On October 23, Brinda Karat, Polit Bureau member of the CPI(M) and Vice President of Adivasi Adhikar Rashtriya Manch, released a fact-finding report on the firing on Adivasis by Bihar Police in Kaimur. The firing had taken place on September 11, when the Adivasis were holding a peaceful sit-in protest in Adhaura. The report co-published…

Judicial probe cry into firing on tribals The Telegraph

Bihar police had reportedly fired at peaceful Adivasi protesters at Adhaura block, injured seven activists, lathicharged them and then picked them up on ‘trumped-up charges’ The All India Union of Forest Working People, Citizens for Justice & Peace and the Delhi Solidarity Group had sent a fact-finding team to probe the incident and the report…

Bihar Cops Open Fire on Kaimur Adivasis Demanding Forest Rights thecitizen.in

When Suvash Singh – hailing from Kharwar Adivasi Community of Kaimur District in Bihar – helped in mobilising thousands of tribals on September 11, 2020 against the Forest Department officials, little did he know what lay ahead. Along with teaching Philosophy at a State College in Darbhanga, Suvash had been vociferously fighting for the Rights…

Kaimur Firing: Fact-finding report released Demand for judicial inquiry into firing on Adivasis, prosecution of officials, and quashing of false cases

The firing by the Bihar police on peacefully protesting Adivasis in Adhaura Block, Kaimur District on September 11 led a four-member team from New Delhi to conduct a detailed fact-finding around the incident. The findings of the detailed report, co-published by CJP, were released in an online press conference on Friday, October 23 by Ms…

Covid-19 and Adivasi Empowerment: CJP’s unique contribution How have eight months of the Lockdown impacted India’s Forest Dwellers & Adivasis?

During the nationwide Lockdown that was announced in wake of the Covid-19 pandemic, CJP found that hunger that had gripped urban India escaped our communities living in the forest as they continued their cultivation and had some measure of control over the resources and minor forest produce. We at CJP with our partners the All…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण सामुदायिक दावे और इन्हें दायर करने के अलग अलग चरण

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह वीडियो, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA दो हज़ार छे को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। इस…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण भाग ३ सामुदायिक दावे और इन्हें दायर करने के अलग अलग चरण

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह पॉडकास्ट, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA दो हज़ार छे को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। भाग…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण भाग २ पॉडकास्ट में समझें संविधान और वन अधिकार

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह पॉडकास्ट, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA 2006 को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। भाग दो में जानी…

वनाधिकार क़ानून २००६ प्रशिक्षण भाग १ पॉडकास्ट में सुनिए FRA क़ानून बनाने की पृष्ठभूमि

CJP और AIUFWP द्वारा प्रस्तुत, यह पॉडकास्ट, वन अधिकार अधिनियम प्रशिक्षण के लिए है। इसका उद्देश्य वन श्रमिकों को और जमीनी स्तर पर वनाधिकार के लिए काम करने वालों को, सामुदायिक दावों के बारे में जानकारी देना है, ताकि FRA 2006 को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू किया जा सके। भाग एक में सुनिए…

This is the land of our ancestors: Adivasi man writes to CJP Bihar man recounts abuse inflicted by Forest Department

“We are fighting the Forest Department for our right to the water, the forests and the land. We say that all of this [forests] is ours and shall remain ours. This forest is our livelihood. This is our ancestor’s land. We have been living here forever,” said 65-year-old Adivasi, Ram Surat Singh. However, the frustrated…

जल, जंगल, जमीन हमारा था, है और हमारा ही रहेगा – राम सूरत सिंह बुजुर्ग आदिवासी की जुबानी, वन विभाग के उत्पीड़न की कहानी

आदिवासी अपनी जल, जंगल जमीन को बचाने की जद्दोजहद में निरंतर जुटे हैं। बिहार के अधौरा के बरडीह गांव निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग आदिवासी राम सूरत सिंह ने अपनी पीड़ा CJP के साथ शेयर की है। इस दौरान उन्होंने बड़े ही मार्मिक तरीके से बताया कि वे अपनी आजीविका चलाने के लिए किस तरह का…

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