Site icon CJP

भगतसिंह के शहादत दिवस पर AIUFWP की वनाधिकार रैली

२३ मार्च को शहीद-ए – आज़म भगतसिंह के शहादत दिवस पर अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन ने आदिवासियों के अधिकार के लिए आग्रह करने के लिए एक भव्य पदयात्रा तथा प्रदर्शन का आयोजन किया है। निम्नलिखित पत्र में AIUFWP ने अपनी मांगों की घोषणा की है।

साथियों ,
जैसा कि आपको मालूम है कि वनाधिकार कानून को पारित हुए दस वर्ष से भी ऊपर हो चुके हैं। लेकिन केंद्र व राज्य सरकारों ने इस कानून की अनदेखी की है, व इसे लागू करने की राजनैतिक इच्छा नहीं दिखाई है। जिसका परिणाम यह है कि वनविभाग की गुंडागर्दी और भी बढ़ गई है। अब वह कंपनियों के साथ मिलकर वानीकीकरण योजना ‘ काम्पा (ब्।डच्।) के तहत संसद के वनाधिकार कानून के विरूद्ध कार्यवाही कर रहा है तथा आदिवासी एवं अन्य परम्परागत समूह के खेतो में गढ्ढे खोदकर उन्हे उनकी जमीनों से बेदख़ल कर रहा है। केंद्र व उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार कम्पनियों एवं वनविभाग के साथ खड़ी है व वनसमुदाय के साथ ऐतिहासिक अन्याय की पुनार्वृति कर रही है।
लेकिन इन सब जनविरोधी नीतियों के खिलाफ वन समुदाय भी लामबंद हो रहे हैं व अपने सामुदायिक वनसंसाधनों को कानून के तहत हासिल करने के लिए एक जुट हैं। सरकार की सुस्ती, वनविभाग की दबंगई को अब वनसमुदाय बर्दाश न करने की स्थिति में है। इसीलिए कई क्षेत्रों में सामुदायिक वन संसाधनों का दावा करने की योजना बनाई गई है।
हमारी यूनियन द्वारा सामूहिक रूप से सामुदायिक दावा करने की प्रस्तावना पिछले वर्ष यूनियन के राष्ट्रीय सम्मेलन सहारनपुर में ली गई थी। जिसमें जहां – जहां यूनियन मजबूत है वहां पर ग्राम सभा के गठन का भी प्रस्ताव लिया गया था। पिछले 6-7 महीने से उत्तर प्रदेश, के सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर ,चित्रकूट, ललितपुर, पीलीभीत, खीरी, सहारनपुर, गोरखपुर, महराजगंज, बहराइच, बिहार के कैमूर, सासाराम (रोहतास), व उत्तराखंड के कुछ जिलों में सामुदायिक वन संसाधन के दावों को दर्ज करने की तैयारी चल रही है। साथ ही यूनियन की सदस्यता एवं सदस्यता का नवीनीकरण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है।
हम बताते चलें की लखीमपुर खीरी दुधवा राष्ट्रीय पार्क में चार वर्ष पूर्व ही सामुदायिक दावों को दर्ज कर दिया गया है लेकिन प्रसाशन द्वारा उन दावों को कूड़े में डा़ल दिया गया था। जिसके बाद हमारे यूनियन के सदस्यों ने पिछले वर्ष प्रशासन को चुनौती दी तो सभी 16 गांवों के दावों को पुनः दर्ज किया गया। इसी तरह सें अब क्षेत्र वार सामुदायिक वन संसाधनों को दर्ज करने के लिए हमारी यूनियन ने क्षेत्रीय स्तर पर कार्यक्रमों का अयोजन किया है।
सामुदायिक दावों की तैयारी के लिये पिछले वर्ष जुलाई महीने से अगुवा साथियों का प्रशिक्षण हर महीने किया गया व सभी दस्तावेज एक़त्रित किए गये ताकि ग्रामीण साथियों को दावों का परिक्षण, दावा भरना व तमाम दस्तावेजों की जानकारी गहन रूप से हो सके। दावों को तैयार करने से पहले सभी गांवों में ग्राम सभा का नये सिरे से वनाधिकार कानून 2006 की संशोधित नियमावली (2012) के अनुसार गठन किया गया।
दावों में निम्नलिखित दस्तावेज़ लगाय गये हैं –
1- ग्राम सभा का प्रस्ताव
2- सामुदायिक दावों का फार्म प्रारूप (क) व  सामुदायिक वन संसाधन फार्म प्रारूप (ग)
3- दावेदारों की सूची, सामूहिक फोटो समेत
4- संपूर्ण ग्राम सभा की सीमा में लगने वाले जंगल नदी, तलाब, पहाड़, चट्टान इत्यिदि, का नक्शा।
5- अंग्रेजो द्वारा बनाया गया उस क्षेत्र का गजेटियर (अजादी से पूर्व)
6- वनविभाग के दस्तावेज वर्किंग प्लान से अधिकारों का विवरण, सूची
7- वर्किंग प्लान से गौण वनोत्पाद की सूची
8- वन विभाग का ग्रामसभा की भूमि पर अतिक्रमण का विवरण (वर्क्रिंग प्लान से)
9- वनसमुदाय के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय का विवरण – ज्त्प्ठ।स् ।क्भ्प्छप्ैज्त्।ज्प्व्छ  प्छ न्च् ठल् ।डप्त् भ्।ै।छ (जिसमें विवरण है कि आदिवासीयों एवं वनसमुदाय की भूमि को किस तरह से वन विभाग ने अतिक्रमण किया )
10- बुजुर्गो का बयान – साक्ष्य के लिए
11- साक्ष्य के लिये- तमाम कोर्ट केस जो वनाधिकार व पुलिस विभाग ने समुदाय के ऊपर किये है।
आने वाली 23 मार्च 2018 को भगतसिंह के शाहादत दिवस पर हमारा यूनियन जिला सोनभद्र उ0प्र0 में 20 गांवों के सामुदायिक दावों को दर्ज करने का कार्यक्रम अयोजित कर रहा है जिसमें बड़ी तादात में वनाश्रित समुदाय शामिल होंगे ।
आपसे अनुरोध है कि इस कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हों।
इंकलाब जिंदाबाद!
सोकालोगोण   राजकुमारी     मुन्नरगोंण     शोभा     फूलबासी    श्यामलाल पासवान     लालती पासवान    रोमा
अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन
दिनांक – 23 मार्च 2018
स्थान – दण्डित बाबा मैदान राबर्टसगंज से जिला मुख्यालय लोढ़ी, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश
समय – 11 बजे दोपहर

Related:

Reclaiming Land through Peaceful Struggles