तीस्ता सीतलवाड़ के नाम पर काशी में जबरदस्त हंगामा, पुलिस ने समर्थकों को खदेड़ा अमर उजाला
27, Feb 2018 | Amar Ujala
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के नाम पर मंगलवार को वाराणसी के काशी विद्यापीठ में जबरदस्त हंगामा हुआ। वो एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया। बताया गया कि कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं मिली है। इस बात पर तीस्ता सीतलवाड़ और और उनके समर्थक छात्र भड़क उठे। पुलिस और प्रसासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पूरे कैंपस का माहौल गरम हो गया।
समर्थकों ने पुलिस से नोकझोंक और धक्कामुक्की भी की। पुलिस ने लाठी भांज कर छात्रों को भगाया। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने कुछ छात्रों को जबरदस्ती पिटायी की है। इस दौरान महिला पुलिस और अन्य पुलिसकर्मियों की तीस्ता सीतलवाड़ और उसके समर्थकों के साथ जमकर हाथापाई और धक्का-मुक्की भी हुई जिससे काफी देर तक अफरा-तफरी की स्थिति रही।
बता दें कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित होने वाली कार्यशाला ‘सोशल मीडिया के दौर में मुख्य धारा की पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित होने वाली इस कार्यशाला की मुख्य वक्ता तीस्ता सीतलवाड़ आमंत्रित थी। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इस कार्यशाला के आयोजन पर आपत्ति दर्ज कराई थी। तीस्ता सीतलवाड़ के आगमन पर एक तरफ उनके समर्थक तो दूसरी तरफ विरोध में छात्र संगठन नारेबाजी करने लगे। मंगलवार दोपहर पूरे कैंपस में सरगर्मी बढ़ गई।
तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह यहां कार्यक्रम कर चुके हैं। उस वक्त एबीवीपी ने कार्यक्रम करने दिया था लेकिन हमारी कार्यशाला में विध्न डालने की कोशिश कर रहे हैं। तीस्ता ने फेसबुक पर पोस्ट कर लिका कि कार्यक्रम को लेकर सोमवार को ही एबीवीपी की धमकियां आई थीं। इसके साथ ही उन्हें धमकाया गया और कार्यक्रम न करने के लिए कहा गया।
तीस्ता सीतलवाड़ का कहना था कि विश्वविद्यालय के अंदर भाजपा का झंडा लहरा रहा है। उन्होंने सरकार के रवैये पर भी आरोप लगाया। धक्का-मुक्की के बाद कैंपस से बाहर निकाली गई तीस्ता सीतलवाड़ काफी देर तक विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर खड़ी रहीं जहा दूसरा छात्र गुट उनका विरोध करता रहा।
तीस्ता ने कहा कि कार्यशाला हर हाल में आयोजित होगी। हम शांति और अहिंसा के साथ इस कार्यशाला को आयोजित करेंगे। काशी विद्यापीठ किसी एक का नहीं है, जब संघ कहीं भी घुस जाता है लेकिन शांति और सद्भाव के प्रयास करने वालों को रोका जाता है। उन्होंने कहा कि इस विद्यापीठ का उद्घाटन खुद महात्मा गांधी ने किया था जो कि हमेशा अहिंसा का पाठ पढ़ाते थे। ऐसे में देश दूसरी आजादी की लड़ाई की तरफ जा रहा है।
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