१९ जून को इलाहबाद में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भारी गड़बड़ी के बाद वहां आये नौजवान प्रार्थीओं ने भारी आक्रोश जताया। पर ना सिर्फ उनके मांगो को नज़रअंदाज़ किया गया, उनपर बबर्रता से पुलिस हमला भी हुआ और उनके साथ खड़े होने आयी छात्र नेता ऋचा सिंह को, उप्र प्रशासन ने कुछ और लोगो के साथ, अराजकता फ़ैलाने के आरोप में हिरासत में ले लिया । पर मौके से प्राप्त वीडियो से साफ़ है की वहां खड़ी एक बस में आग लगा कर एक अशांति का माहौल, पुलिस की मिलीभगत से ही फैली थी। जहाँ दूसरों को जल्द ही छोड़ दिया गया, ऋचा दो दिन तक महिला जेल में रखा गया. गौर करने की बात यह है की कुछ साल पहले मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को इलाहबाद विश्वविद्यालय में घुसकर नफरत फ़ैलाने से ऋचा सिंह ने ही रोका था। लाज़मी है की प्रशासन के सख़्त रवैय्ये को इसी सन्दर्भ में देखा जा रहा है। पर UPPSC का मामला आखिर है क्या और उस शाम इलाहबाद में क्या हुआ था ? कल रात को ही जेल से रिहा होकर वापस घर आयी जुझारू नेता ऋचा सिंह से CJP ने बातचीत की।