असम के डिटेंशन कैंप निर्जन और सुनसान भूमि पर बनाए गए हैं। यहां फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल्स द्वारा विदेशी करार दिए गए लोगों को रखा जाता है। सुविधाओं के घोर अभाव में लोगों को रखे जाने की काफी आलोचनाएं भी होती रही हैं। इन कैंप्स में लोगों को तब तक रखा जाता है जब तक कि उन्हें कोर्ट द्वारा जमानत नहीं मिल जाती या फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल कोई जजमेंट नहीं दे देता।
हालांकि, कई मामलों में देखा गया है कि अधिकांश कैदी कागजी कार्रवाई औऱ मामूली विसंगतियों के कारण यहां खुद को खपा देते हैं। इन कैदियों के लिए डिटेंशन कैंप नर्क से भी बदतर साबित होते हैं।
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